Gas In hindi
Gas In hindi
Gas - गैस्ट्रिक समस्या , पेट की गैस![gas](http://www.ayurvedicupchar.co.in/wp-content/uploads/2016/10/gas-.jpg)
जब हम भोजन करते हैं तब वह भोजन पचता है तो उसमें कई प्रकार के पाचक रस मिलते हैं जब ये आपस में सभी मिलते हैं तो एक प्रतिक्रिया होती है जिसमें पेट मैं एक वायु उत्पन्न होती है जो गैस का रूप ले लेती है ये हमेसा अपच की की वजह से ही होती है। मतलब जब हमारा भोजन नहीं पचता तब ज्यादा तर होता है। ये गैस मल के साथ बहार आती है | कभी-कभी डकार के साथ भी बहार आती है
पेट गैस को अधोवायु बोलते हैं। इसे पेट में रोकने से कई बीमारियां हो सकती हैं, जैसे एसिडिटी, कब्ज, पेटदर्द, सिरदर्द, जी मिचलाना, बेचैनी आदि। लंबे समय तक अधोवायु को रोके रखने से बवासीर भी हो सकती है। आयुर्वेद कहता है कि आगे जाकर इससे नपुंसकता और महिलाओं में यौन रोग होने की भी आशंका हो सकती है।
आजकल प्राय: बच्चो,युवा वर्ग एवं 60 वर्ष से अधिक के उम्र के लोगो मे पेट मे अम्ल की अधिकता के कारण गैस की समस्या देखी जा रही है। यदि पेट की भीतरी परत अम्ल बना रही हो और वो पेट की सतह को छू रही हो तो इसके द्वारा पीड़ित व्यक्ति को असहनीय दर्द एवं पीड़ा होती है।
अगर गैस्ट्रिक म्यूकोसा जो कि पेट के मेम्ब्रेन की एक परत होती है, को कोई परेशानी होती है इससे पेट में अम्ल (acid) पैदा होता है। जल्दी ही ये अम्ल पेट के संपर्क में आ जाते हैं जिससे आपको काफी मात्रा में दर्द और तकलीफ का सामना करना पड़ता है। इससे आपको अंत में गैस्ट्रिक (gastric) का सामना करना पड़ता है। इस समस्या का शिकार आमतौर पर 40 वर्ष या इससे ज़्यादा के लोग होते हैं, पर यह समस्या जवान लोगों और बच्चों में भी देखी जा सकती है।
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