Jaundice In Hindi
Jaundice In Hindi
Jaundice - पीलियापीलिया को अंग्रेजी में Jaundice के नाम से जाना जाता है। हमारे रक्तरस में एक रंग होता है जिसका नाम है पित्तरंजक (Billrubin) इसके कारण त्वचा और श्लेष्मिक कला में पीला रंग आ जाता है। जिसके कारण इसको पीलिया या कामला कहते हैं। यह रोग बहुत ही सूक्ष्म विषाणु (वाइरस) से होता है। जब इसका स्तर 1.0 प्रतिशत से कम होता है। तब इस रोग का पता नहीं चलता पर जब इसका स्तर 2.5 प्रतिशत से ऊपर बढ़ता है तब इसके लक्षण उभरकर सामने आते हैं। और यह रोग नन्हें-नन्हें बच्चों से लेकर 80 साल तक के बूढ़ों में उत्पन्न हो सकता है। पीलिया लीवर से सम्बंधित रोग है। जब पीलिया का स्तर बहुत बढ़ जाता है तब ये सीधा लीवर पर प्रभाव डालता है और लीवर को ख़राब कर देता हैं। हर बिमारी की पहचान उसके लक्षणों से होती है। इसलिए इस बिमारी मैं कुछ ऐसे लक्षण सामने आते हैं जिनको हम आसानी से पहचान सकते हैं।
पीलिया के प्रकार :-
पीलिया मुख्यत तीन प्रकार का होता है जोकि इस प्रकार हैं - वायरल हैपेटाइटिस ए, वायरल हैपेटाइटिस बी तथा वायरल हैपेटाइटिस नान A व नान B।Read More :- jaundice treatment in hindi
Comments
Post a Comment