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Showing posts from December, 2017

Guava In Hindi

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Guava In Hindi Guava - अमरुद अमरुद को अंग्रेजी में Guava कहते हैं इसका वनस्पति नाम सीडियम ग्वायवा, प्रजाति सीडियम, जाति ग्वायवा, कुल मिटसी | भारत के जादातर सभी प्रन्तो में अमरुद के पेड़ पाए जाते है| वर्षा ऋतु में अमरूद के पेड़ फूलते हैं और जाड़े में फल प्राप्त होते हैं। एक पेड़ लगभग ३० वर्ष तक भली भाँति फल देता है और प्रति पेड़ ५००-६०० फल प्राप्त होते हैं। कीड़े तथा रोग से वृक्ष को साधारणात: कोई विशेष हानि नहीं होती। अमरूद को सर्दियों में फलों को राजा भी कहा जाता है। अमरूद यानी अमृत-सा मीठा फल। ऐसा फल जो डायटिबीज जैसे ही कई रोगियों के रोग नष्ट करने में कारगर है। अमरूद मीठा और स्वादिष्ट फल होने के साथ-साथ कई औषधीय गुणों से भरा हुआ है।अमरुद का सेवन फल समझकर नहीं अपितु एक आयुर्वेदिक औषधी समझकर करना चहिये| सर्दियों में अमरूद खाने के फायदे ही फायदे हैं। दंत रोगों के लिए अमरूद रामबाण साबित होता है। अमरूद के पत्तों को चबाने से दांतों के कीड़ा और दांतों से सम्बंधित रोग भी दूर हो जाते हैं। इसके अलावा भी ये कई औषधीय गुणो के लिए जाना जाता है। इसमें विटामिन "सी' अधिक मात्रा में

Pineapple In Hindi

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Pineapple In Hindi Pineapple - अनानास अनानास को अंग्रेजी में Pineapple के नाम से जाना जाता है|यह फल सुनहरे रंग का होता है और स्वाद में खट्टा मीठा होता है क्रिस्टोफर कोलंबस ने 1493 AD में कैरेबियन द्वीप समूह के ग्वाडेलोप नाम के द्वीप में इसे खोजा था और इसे ‘पाइना दी इंडीज’ नाम दिया | कोलंबस ने यूरोप में अनानास की खेती की शुरुआत की थी | अनानास कई औषधीय गुणों से भरपूर है अनानास का सेवन एक फल समझकर नहीं अपितु एक औषधी समझकर करना चहिये क्यूंकि ये शरीर के भीतरी विषों को बाहर निकलता है। यह शरीर की हड्डियों को मजबूत बनाने और शरीर को ऊर्जा प्रदान करने का काम करता है। एक प्याला अनन्नास के रस-सेवन से दिन भर के लिए आवश्यक मैग्नीशियम के ७५% की पूर्ति होती है। अनानास में  क्लोरीन की भरपूर मात्रा होती है। ये उच्च एंटीआक्सीडेंट का स्रोत है व इसमें विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और साधारण ठंड से भी सुरक्षा मिलती है। read More :-  ananas in hindi

Apple In Hindi

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Apple In Hindi Apple - सेब सेब को अंग्रेजी में Apple के नाम से जाना जाता है यह लाल रंग का होता है और इसका स्वाद मीठा होता है यह जादातर मध्य एशिया में होता है इसके सिवा यह भारत के उत्तरी प्रदेश हिमाचल में पैदा होता है|मतलब एक सेब रोज खाने से आप डॉक्टर से दूर रहेंगे। सेहत के लिए सेब सबसे अच्छा फल माना जाता है। सेब का वैज्ञानिक नाम मालुस डोमेस्टिका है। सेब कई औषधीय गुणों से भरपूर है सेब का सेवन एक फल समझकर नहीं अपितु एक औषधी समझकर करना चहिये क्यूंकि पौष्टिक तत्वों से भरा है। ये न केवल रोगों से लड़ने में मदद करता है बल्कि आपके शरीर को भी स्वस्त रखता है। और साथ ही सेब के सेवन से ह्वदय रोग, कैंसर, मधुमेह के साथ ही दिमागी बीमारियों जैसे पार्किंसन और अल्जाइमर आदि में भी आराम मिलता है। स्वस्थ्य के साथ-साथ सेब में फाइबर भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। सेब को खाने से पाचन तंत्र भी सही रहता है। यह एक अच्छा एंटी ओक्सिडेंट भी है जो मधुमेह, कैंसर, और दिमाग से सम्बंधित बीमारियों को दूर करने में भी मदद करता है। Read More :- apple benefits in hindi

Papaya In Hindi

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Papaya In Hindi Papaya - पपीता पपीता एक फल है इसे अंग्रेजी में papaya के नाम से जाना जाता है और इसका वैज्ञानिक नाम  Carica papaya है | जब पपीता कच्चा होता है तब इसका रंग हरा होता है पकने के बाद ये पीले रंग में बदल जाता है | भारत में पपीता अब से लगभग ३०० वर्ष पूर्व आया। आरंभ में भारतवासियों ने फलों में हीक के कारण इसको कदाचित् अधिक पसंद नहीं किया, परंतु अब अच्छी और नई किस्मों के फलों में हीक नहीं होती। पपीते के पेड़ भारत के कई राज्यों में पाए जाते हैं और यह किसी भी मौसम में लगाया जा सकता है। पपीता एक स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक फल है पपीता भी दो प्रकार का होता है कच्चा पपीता और पका पपीता कच्चे पपीते का हम सब्जियों में प्रयोग करते हैं और पके हुए पपीते का हम ऐसे ही सेवन करते हैं| पपीते की तासीर :  इसकी तासीर बहुत गर्म होती है इसलिए महिलायों के लिए गर्भावस्था के दौरान पपीता बहुत हानिकारक होता है इसलिए गर्भवती महिलायों को पपीते का सेवन कम से कम करना चहिये और एक बार अपने किसी निजी डॉ से परामर्श लेकर सेवन करें| Read More :- benefits of papaya leaves

Apricot In Hindi

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Apricot In Hindi Apricot - खुबानी खुबानी एक स्वादिष्ट फल है जिसे अंग्रेजी में apricot के नाम से जाना जाता है ख़ुबानी एक गुठलीदार फल है। सूखी ख़ुबानी को भारत के पहाड़ी इलाक़ों में बादाम, अख़रोट और न्योज़े की तरह ख़ुबानी को एक ख़ुश्क मेवा समझा जाता है और काफ़ी मात्रा में खाया जाता है। कश्मीर और हिमाचल के कई इलाक़ों में सूखी ख़ुबानी को किश्त या किष्ट कहते हैं। खुबानी आमतौर से नारंगी और पीले रंग के होते हैं। ख़ुबानी का फल एक छोटे आड़ू के बराबर होता है। इसका रंग आम तौर पर पीले से लेकर नारंगी होता है लेकिन जिस तरफ सूरज पड़ता हो उस तरफ ज़रा लाल रंग भी पकड़ लेता है। खुबानी की किस्में :  हाल ही में खुबानी की कई किस्मों को बाहर किया गया है, जो एक अपेक्षाकृत गंभीर सर्दियों के लिए अपेक्षाकृत खराब हैं। भारत में खुबानी की कई किस्में पायी जाती हैं जो की इस प्रकार हैं जैसे सफेद, काले, गुलाबी और भूरे (ग्रे) रंग। रंग से खुबानी के स्वाद पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता, लेकिन इसमें जो कैरोटीन होता है, उसमें जरूर अंतर आ जाता है। Read More :- apricot benefits

Banana In Hindi

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Banana In Hindi Banana - केला  केला एक फल ही नहीं बल्कि एक औषधी भी है यह औषधी के रूप में हमारी बहुत सी बिमारी को ठीक करता है| केले की सबसे अच्छी किस्म भारत में ही होती है| मूल रूप से ये दक्षिण पूर्व एशिया के उष्णदेशीय क्षेत्र के हैं और संभवतः पपुआ न्यू गिनी में इन्हें सबसे पहले उपजाया गया था। आज, उनकी खेती सम्पूर्ण उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में की जाती है। एक फल औसतन 125 ग्राम का होता है, जिसमें लगभग 75% पानी और 25% सूखी सामग्री होती है| केला एक ऐसा फल है जो हर मौसम में मिलता है| केले के प्रकार :- केले भी दो प्रकार के होते हैं एक तो होता है कच्चा केला और दूसरा पका केला दोनों ही प्रकार के केले हमारी बीमारियों में काम आते हैं| पके केले को छिलका उतारकर खाया जाता है और कच्चे केले केले की सब्जी बनाकर खायी जाती है| Read More :- banana benefits in hindi

Pimples In Hindi

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Pimples In Hindi Pimples - चहरे पर दाने त्वचा के छिद्र भर जाने पर सूजन आ जाती है और उस छिद्र में बैक्टीरिया के कारण पस भर जाती है इस को पिम्पल्स कहते है| Pimples ऐसी ही समस्या है जिसको लेकर लड़किया खासा परेशान रहती हैं क्योंकि यह समस्या आमतौर पर टीनेज और युवावस्था में अधिक होती है। हालाकि अधिक उम्र में भी एक्नें की समस्या परेशान कर सकती हैं। दरअसल, एक्ने त्वचा में जलन और पिंपल्स होने की स्थिति को कहते हैं। एक्‍ने या पिंपल जिसे हम मुंहासा भी बोलते हैं, पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिये ही परेशानी का कारण बनते हैं। चेहरे से दाग धब्बे, झुर्रियां और पिम्पल्स हटाने के लिए अक्सर हम कई प्रकार की क्रीम और फेस पैक प्रयोग करते है, क्योंकि ये केमिकल्स युक्त होते इसलिए अगर स्किन को सूट ना करे तो इन ब्यूटी प्रोडक्ट्स के साइड इफेक्ट्स भी हो सकते है यहां पर कुछ घरेलू उपचार हैं जिससे आप मुंहासों से छुटकारा पा सकते हैं। Read More :- pimple treatment for oily skin in Hindi

Garlic In Hindi

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Garlic In Hindi Garlic - लहसुन लहसुन एक सब्जी है जिसे हर प्रकार के भोजन में प्रयोग किया जाता है। आप सोच भी नहीं सकते कि लहसुन की एक कली हमारे अंदर पैदा होने वाले अनेको रोगों का नाश कर सकती है। चाहे आपको इसकी गंध अच्‍छी नहीं लगती हो, लेकिन यह हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है| जब आप कुछ भी खाने या पीने से पहले लहसुन खाते हैं तो आपकी ताकत बढ़ती है, तथा यह एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक एंटीबायोटिक की तरह कार्य करता है | कच्चे लहसुन का तेल कीटाणुरोधी, जीवाणुरोधी, एंटीसेप्टिक और जंतुनाशक के रूप में कार्य करने के लिए मदद करता है। कच्चे लहसुन का तेल एंटीऑक्सीडेंट भी है। अगर आप इसकी एक कली का सेवन खाली पेट करते है तो यह हमारे शरीर के लिए किसी अमृत से कम नहीं है। लहसुन विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालता है और मूल्यवान मूत्रवर्धक के रूप में माना जाता है। हर दिन आप दही या डेयरी उत्पादों में कीमा बनाया हुआ या कटा हुआ लहसुन डालकर खा सकते हैं। इसका उपयोग भोजन में डालने में भी किया जा सकता है। Read More :- lahsun khane ke fayde

Jaundice In Hindi

Jaundice In Hindi Jaundice - पीलिया पीलिया को अंग्रेजी में Jaundice के नाम से जाना जाता है। हमारे रक्तरस में एक रंग होता है जिसका नाम है पित्तरंजक (Billrubin) इसके कारण त्वचा और श्लेष्मिक कला में पीला रंग आ जाता है। जिसके कारण इसको पीलिया या कामला कहते हैं। यह रोग बहुत ही सूक्ष्‍म विषाणु (वाइरस) से होता है। जब इसका स्तर 1.0 प्रतिशत से कम होता है। तब इस रोग का पता नहीं चलता पर जब इसका स्तर 2.5 प्रतिशत से ऊपर बढ़ता है तब इसके लक्षण उभरकर सामने आते हैं। और यह रोग नन्हें-नन्हें बच्चों से लेकर 80 साल तक के बूढ़ों में उत्पन्न हो सकता है। पीलिया लीवर से सम्बंधित रोग है। जब पीलिया का स्तर बहुत बढ़ जाता है तब ये सीधा लीवर पर प्रभाव डालता है और लीवर को ख़राब कर देता हैं। हर बिमारी की पहचान उसके लक्षणों से होती है। इसलिए इस बिमारी मैं कुछ ऐसे लक्षण सामने आते हैं जिनको हम आसानी से पहचान सकते हैं। पीलिया के प्रकार :- पीलिया मुख्यत तीन प्रकार का होता है जोकि इस प्रकार हैं -  वायरल हैपेटाइटिस ए ,  वायरल हैपेटाइटिस बी तथा वायरल हैपेटाइटिस नान A व नान B।  Read More :- jaundice treatment in hindi

Arthritis In Hindi

Arthritis In Hindi Arthritis - गठिया Arthritis को हिंदी में गठिया कहते हैं जब हड्डियों के जोडो़ में यूरिक एसिड अधिक मात्रा में जमा हो जाता है तो वह गठिया का रूप ले लेता है। यूरिक एसिड कई तरह के आहारों को खाने से बनता है। रोगी के एक या कई जोड़ों में दर्द, अकड़न या सूजन आ जाती है। इस रोग में जोड़ों में गांठें बन जाती हैं और शूल चुभने जैसी पीड़ा होती है, इसलिए इस रोग को गठिया कहते हैं। गठिया रोग से सबसे ज्यादा परेशानी हमारे हड्डी के जोड़ों में होती है। Arthritis के प्रकार :-  यह मुख्यत तीन प्रकार का होता है वैसे तो यह कई प्रकार का होता है लेकिन ये तीन प्रकार मुख्य हैं - 1. Osteoarthriti जिसे हिंदी में अस्थिसंधिशोथ के नाम से जाना जाता है। 2. Rheumatoid Arthritis इसे हिंदी में आमवातिक संधिशोथ या 'रुमेटी संधिशोथ के नाम से जाना जाता है। 3. Psoriatic Arthritis इसे हिंदी में सोरियासिस संधिशोथ कहते हैं। Read More :-  arthritis treatment in hindi

vata pitta kapha In Hindi

vata pitta kapha In Hindi vata pitta kapha - वात पित्त और कफ हमारे शरीर में तीन दोष वात, पित्त, कफ होतें अगर इनका संतुलन बिगड़ता है तो हम बीमार पड़ जातें हैं इसलिए वात, पित्त, कफ इन तीनो का संतुलन बना रहना बहुत ही आवश्यक है। यह हमारे शरीर के तीनो भागों में बटें होते हैं , शरीर के ऊपर के भाग में कफ होता है | शरीर के मध्य में पित्त होता है ,और शरीर के निकले भाग में वात होता है। कफ और पित्त लगभग एक जैसे होते हैं। आम भाषा मे नाक से निकलने वाली बलगम को कफ कहते हैं। कफ थोड़ा गाढ़ा और चिपचिपा होता है। मुंह मे से निकलने वाली बलगम को पित्त कहते हैं। ये कम चिपचिपा और द्रव्य जैसा होता है। और शरीर से निकले वाली वायु को वात कहते हैं। ये अदृश्य होती है। Read More :-  ayurvedic body type

Fingers In Hindi

Fingers In Hindi Fingers -  उंगली हमारे हाथ की पांचो उंगलिया शरीर के अलग-2  अंगों से जुडी होती है | इसका मतलब आप को दर्द नाशक दवाइयां खाने की बजाए इस आसान और प्रभावशाली  तरीके का इस्तेमाल  करना चाहिए | आज इस लेख के माध्यम  से हम आपको बतायेगे के शरीर के किसी हिस्से का दर्द सिर्फ हाथ की उंगली को रगड़ने से कैसे दूर होता है | हमारे हाथ की अलग अलग उंगलिया अलग अलग बिमारिओ और भावनाओं से जुडी होती है | शायद आप को पता न हो, हमारे हाथ की उंगलिया चिंता, डर और चिड़चिड़ापन दूर करने की क्षमता रखती है | उंगलियों पर धीरे से दबाव डालने से शरीर के कई अंगो पर प्रभाव पड़ेगा Read More :-  lady finger in hindi

Saliva In Hindi

Saliva In Hindi Saliva -  लार , थूक , राल , लाला मुंह में बनने वाली लार हमारी सेहत के लिए कितनी फायदेमंद है इस बारे में हम कभी ध्यान ही नहीं देते लेकिन अगर शरीर में इसकी कमी हो जाए तो मुंह का स्वाद बरकरार रखने से लेकर कई बीमारियों और संक्रमणों का खतरा हो सकता है। आइए जानें, लार बनने के ऐसे 10 फायदे जो आपको स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचाए रखने में मददगार है। सोने से पहले दातों को साफ करके सोएँ और फिर सुबह उठकर बिना कुल्ला किये बिना थूके प्रयोग करे। ये मुह की लार हमारे शरीर की सर्वोत्तम अमृत तुल्य औषिधि है। जो केसा भी चश्मा हो उसको उतारने का गुण रखती है केसा भी दाद हो उसको ठीक करने का गन रखती है, लार बाज़ार में नही मिलती यह सभी के मुँह में भगवान ने उपहार स्वरुप दी है। Read More :-  Saliva In Hindi

Mango In Hindi

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Mango In Hindi Mango - आम आम एक भारतीय और स्वादिष्ट फल है | आम को फलों का राजा कहा जाता है | इसका व्रक्ष भारत के लगभग सभी प्रान्तों में होता है | आम के फलों के अलावा इसके पूरे पौधे में अनेक औषधीय गुण होते हैं। वास्तव में पूरा आम का पेड़ ही औषधीय गुणों का खजाना है। यह बाजार में गर्मी के मौसम में उपलब्ध होता है। भारत में मुख्य रूप से 12 किस्म के आम होते हैं |  इसकी मूल प्रजाति को भारतीय आम कहते हैं, जिसका वैज्ञानिक नाम मेंगीफेरा इंडिका है। आमों की प्रजाति को मेंगीफेरा कहा जाता है। इस फल की प्रजाति पहले केवल भारतीय उपमहाद्वीप में मिलती थी, इसके बाद धीरे धीरे अन्य देशों में फैलने लगी। इसका सबसे अधिक उत्पादन भारत में होता है। यह भारत, पाकिस्तान और फिलीपींस में राष्ट्रीय फल माना जाता है और बांग्लादेश में इसके पेड़ को राष्ट्रीय पेड़ का दर्जा प्राप्त है। स्वाद और रंग :- जब यह फल पक जाता है अथार्त खाने योग्य बन जाता है तो इसका स्वाद मीठा हो जाता है | और यह पीले रंग का होता है | read more :- essay on mango tree in hindi

Grapes In Hindi

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Grapes In Hindi Grapes - अंगूर अंगूर एक भारतीय व् प्राक्रतिक फल है । अंगूर एक ऐसा फल है जिसे बिना छिलका उतारे खाया जा सकता है । अंगूर के न जाने हमारे स्वास्थ्य के प्रति कितने फायदे हैं । अंगूर भी दो प्रकार का होता है 1- हरे रंग का अंगूर 2- काले रंग के अंगूर । इन दोनों रंग के अंगूरों को खाने से दोहरे लाभ हैं । आपने कभी सोचा है किशमिश कहा से बनती है किशमिश ही अंगूर का रूप है । अंगूर को सुखा कर किशमिश का रूप दिया जाता है । अंगूर की कई तरह की प्रजातियां हैं। जैसे लंबे अंगूर, काले अंगूर, छोटे अंगूर आदि। स्वाद और रंग :- अंगूर स्वाद में खट्टा व् मीठा होता है और यह दो प्रकार का होता - काला अंगूर व् हरा अंगूर । read more :- health benefits of grapes

Figs In Hindi

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Figs In Hindi Figs - अंजीर अंजीर का वृक्ष भारत के मुख्यतः सभी प्रान्तों में पाया जाता है अंजीर को अंग्रेजी में Fig के नाम से भी जाना जाता है | आयुर्वेद के अनुसार अंजीर गुणों से भरपूर फल है | अगर अंजीर का सेवन किया जाए तो ये न जाने हमारे कितने रोगों को ठीक करता है | अंजीर (अंग्रेजी नाम फ़िग, वानस्पतिक नाम: "फ़िकस कैरिका", प्रजाति फ़िकस, जाति कैरिका, कुल मोरेसी) एक वृक्ष का फल है जो पक जाने पर गिर जाता है। पके फल को लोग खाते हैं। सुखाया फल बिकता है। सूखे फल में चीनी की मात्रा लगभग ६२ प्रतिशत तथा ताजे पके फल में २२ प्रतिशत होती है। इसमें कैल्सियम तथा विटामिन 'ए' और 'बी' काफी मात्रा में पाए जाते हैं। इसके खाने से कोष्ठबद्धता (कब्जियत) दूर होती है। इसलिए इसको एक आयुर्वेदिक ओषधि कहा जाता है | अंजीर मुख्यत चार प्रकार का होता है जोकि इस प्रकार हैं - भारत में मार्सेलीज़, ब्लैक इस्चिया, पूना, बँगलोर तथा ब्राउन टर्की नाम की किस्में प्रसिद्ध हैं। (1) कैप्री फिग, जो सबसे प्राचीन है और जिससे अन्य अंजीरों की उत्पत्ति हुई है, (2) स्माइर्ना, (3) सफेद सैनपेद्रू और

Pomegranate In Hindi

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Pomegranate In Hindi Pomegranate - अनार अनार को अंग्रेजी में Pomegranate कहा  जाता है | अनार एक ऐसा फल है जिसके हमारे स्वास्थ्य से प्रति बहुत ही लाभ हैं | अनार में कई विटामिन्स होते हैं जो हमारे शरीर को बहुत ही लाभ पहुचाते हैं |हमारे देश भारत में एक कहावत प्रचलित है की एक अनार सौ बीमार अथार्त सुबह-सुबह प्रतिदिन एक अनार खाने से हम सौ बीमारियों से बच सकते हैं | इसलिए हमें सुबह-सुबह अनार का सेवन जरूर करना चाहिये | आज इस article के जरिये हम आपको बताएँगे की अनार फल के हमारे स्वास्थ्य के प्रति क्या क्या अचूक फायदे हैं | अनार जादातर गर्म प्रदेशों में पाया जाता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह एक महत्त्वपूर्ण फल है। भारत में अनार के पेड़ अधिकतर महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात में पाए जाते हैं। भारत में अनार को कई नामों में जाना जाता है। बांग्ला भाषा में अनार को बेदाना कहते हैं, हिन्दी में अनार, संस्कृत में दाडिम और तमिल में मादुलई कहा जाता है। अनार के पेड़ सुंदर व छोटे आकार के होते हैं। इस पेड़ पर फल आने से पहले लाल रंग का बडा फूल लगत

Cholesterol In Hindi

Cholesterol In Hindi Cholesterol - कोलेस्ट्रॉल , रक्तवसा , पित्त-सांद्रव कोलेस्ट्रॉल एक तरल मोम जैसा पदार्थ होता है जोकि यकृत से उत्पन्न होता है | शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लगभग २५ प्रतिशत उत्पादन यकृत के माध्यम से होता है। कोलेस्ट्रॉल शरीर में विटामिन डी, हार्मोन्स और पित्त का निर्माण करता है, जो शरीर के अंदर पाए जाने वाले वसा को पचाने में मदद करता है। यह सभी पशुओं और मनुष्यों के कोशिका झिल्ली समेत शरीर के हर भाग में पाया जाता है। हमारे शरीर में ज़्यादा कोलेस्ट्रॉल की मात्रा होने पर हमें गंभीर बिमारियाँ भी हो सकती है जैसे की- आर्टरी ब्लोंकेज, स्टॉक्स, हार्ट अटैक, उच्च रक्तचाप आदि कई समस्या कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने पर होती है | कोलेस्ट्रॉल मुख्यतः तीन प्रकार का होता है जो की इस प्रकार है एल डी एल (कम घनत्व कोलेस्ट्रॉल) :-   यह कोलेस्ट्रॉल बहुत ही ख़राब और नुकसानदायक होता है | क्यूंकि इसकी उत्पत्ति लीवर से होती है | जो वसा को लिवर से शरीर के अन्य भागों मांसपेशियों, ऊतकों, इंद्रियों और हृदय तक पहुंचाता है। यह बहुत आवश्यक है कि एल डी एल कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम रहे, क्योंकि इससे यह पता

Ujjayi Pranayama In Hindi

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Ujjayi Pranayama In Hindi Ujjayi Pranayama - उज्जय प्राणायाम उज्जयी का शाब्दिक अर्थ होता विजयी या जीतने वाला। अथार्त इस प्राणायाम के अभ्यास से हम वायु पर अपनी जीत हासिल कर सकते हैं |और अगर हम वायु की बात करें तो यहाँ  पर वायु का अर्थ है स्वास अथार्त इस प्राणायाम का अभ्यास करने से हम अपनी स्वासों पर विजयी प्राप्त कर सकते हैं | इसलिए इस प्राणायाम को अंग्रेजी में Victorious breath कहा जाता हैं। उज्जयी प्राणायाम करते समय समंदर की आवाज के समान ध्वनि आती हैं इसलिए इसे ओशियन ब्रेथ (Ocean Breath) भी कहा जाता है। जब इस प्राणायाम को किया जाता है तो शशरीर में गर्म वायु प्रवेश करती है और दूषित वायु निकलती है । इस प्रणायाम का अभ्यास शर्दी को दूर करने के लिए किया जाता है । इसका अभ्यास तीन प्रकार से किया जा सकता है- खड़े होकर, लेटकर तथा बैठकर। read more :- ujjayi pranayama

Kapalbhati In Hindi

Kapalbhati In Hindi Kapalbhati - कपालभाति कपालभाती एक प्राणायाम है यह एक सांस लेने की प्रिक्रिया है | कपालभाती संस्कृत से लिए गया शब्द है जिसमें ''कपाल" का अर्थ होता है माथा और "भाती" का अर्थ होता है प्रकाश | इसका ये मतलब है की कपालभाती को नियमित करने से माथे व् चहरे पर क्रांति या चमक आती है | कपालभाती प्राणायाम सांस से सम्बंधित व्यायाम है, जो कई बीमारियाँ दूर करता है | यह हमारी बहुत सी बीमारियों से छुटकारा दिलाने मैं सहायता करता है | यह पूरे सरीर को स्वस्थ रखने मैं एक चमत्कारी प्राणायाम है | कपालभाती प्राणायाम कार्य कैसे करता है :- जानते है की यह कार्य कैसे करता है | सामान्य सांस मैं सांस लेना सक्रिय प्रक्रिया है जबकि सांस छोड़ना निष्क्रिय प्रिक्रिया है | जबकि कपालभाती पेनायम मैं ये उल्टा होता है पेट की मासपेसिया और डायाफ्राम को जबरदस्ती हवा सांस छोड़ने के लिए इस्तेमाल करते हैं | पेट की मासपेसियों को हवा बहार फेकने की दसा मैं अन्दर की और ले जातें है | सांस लेना एक निष्क्रिय सुकून की तरह ताजा हवा के साथ फेफड़ों को भरने के लिए किया जाता है | यह दो सांस के बीच

Anulom Vilom In Hindi

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Anulom Vilom In Hindi Anulom Vilom - अनुलोम विलोम अनुलोम विलोम एक प्राणायाम है| इसे अंग्रेजी मैं Alternate Nostril Breathing कहते हैं| और इसे नाड़ी शोधक प्राणायाम' भी कहते है। यहाँ पर अनुलोम और विलोम दोनों अलग अलग शब्द है जिनका अलग अलग अर्थ है जैसे अनुलोम का अर्थ होता है सीधा और विलोम का अर्थ है उल्टा। सीधा का अर्थ है नासिका या नाक का दाहिना छिद्र और उल्टा का अर्थ है-नाक का बायां छिद्र। अनुलोम विलोम प्रणायाम में सांस लेने और छोड़ने की विधि को बार-बार दोहराया जाता है। इसका नियमित अभ्यास से शरीर की समस्त नाड़ियों का शोधन होता है यानी वे स्वच्छ व निरोग बनी रहती है। तो जानते है इस प्राणायाम को कैसे करें और क्या क्या सावधानी बरतनी चाहिए और इसके क्या क्या फायदे हैं :- read more :- anulom vilom pranayama

Migraine In hindi

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Migraine In hindi Migraine - माइग्रेन , आधासीसी , अधकपाटी , अर्धशीर्षी माइग्रेन एक आम बीमारी है | माइग्रेन को दूसरी भाषा मैं अर्धकपारी, आधासीसी भी कहते हैं | और यह बीमारी दुनियाभर में लगातार बढती जा रही है | माना जाता है की जैसे ही आप सामान्य स्थिति से एकदम तनाव भरे माहौल में पहुंचते हैं तो सबसे पहले आपका सिर दर्द बढ़ता है। ब्लडप्रेशर हाई होने लगता है और लगातार ऐसी स्थितियां आपके सामने बनने लगे तो समझिए आप माइग्रेन के शिकार हो रहे हैं। इस रोग मैं सर के केवल एक ही हिस्से मैं दर्द होता है | यह दर्द सूर्य की रोशनी के साथ बढ़ता-घटता रहता है | माइग्रेन का दर्द ललाट से शुरू होता है और आँखों के ऊपर फैलने लगता है. इस दर्द में ऐसा लगता है जैसे कि सिर में झनझनाहट हो रही है | इस रोग का आयुर्वेद मैं बहुत अच्छा इलाज है जिससे आप इस रोग से 100% छुटकारा पा सकते हैं | read more :-   migraine treatment in hindi

Hiv Aids In Hindi

Hiv Aids In Hindi Hiv Aids - एचआईवी एड्स एड्स बहुत ही गंभीर बीमारी है | असुरक्षित यौन संबंध बनाने से एड्स के जीवाणु शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। इस बीमारी का काफी देर बाद पता चलता है और मरीज भी hiv टेस्ट के प्रति सचेत नही रहते| एड्स हम शोर्ट फोर्र्म मैं बोल देते हैं | इसका पूरा नाम Acquired Immuno Deficiency Syndrome है | एड्स रोग HIV नामक विषाणु की वजह से होता है | HIV का पूरा नाम Human Immuno Deficiency Virus है | जब ये विषाणु हमारे शरीर मैं प्रवेश कर जाता है तो ये शरीर मैं रोग - प्रतिकार शक्ति को कम कर देता है | जिस कारण से रोगी एड्स नमक बिमारी से ग्रस्त हो जाता है | एड्स का आयुर्वेद मैं बहुत अच्छा उपचार है | एड्स और HIV मैं अंतर :-  एच.आई.वी एक अतिसूक्ष्म विषाणु हैं जिसकी वजह से एड्स हो सकता है। यह मनुष्य की अन्य रोगों से लड़ने की नैसर्गिक प्रतिरोधक क्षमता को घटा देता हैं। प्रतिरोधक क्षमता के क्रमशः क्षय होने से कोई भी अवसरवादी संक्रमण, यानि आम सर्दी जुकाम से ले कर फुफ्फुस प्रदाह, टीबी, क्षय रोग, कर्क रोग जैसे रोग तक सहजता से हो जाते हैं और उनका इलाज करना कठिन हो जाता हैं

Curd In Hindi

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Curd In Hindi Curd - दही , छेना दही खाने के रूप मैं प्रयोग करते है| दही पेट के रोगों के लिए बहुत अच्छी दवा है| क्यूंकि दही मैं प्रोटीन की मात्रा बहुत होती है| दूध से दही बनायीं जाती है| जब दूध दही मैं परिवर्तित होता है तब विटामिन B में विशेषकर रिबोफ्लेवीन, थायमिन की मात्रा दुगनी हो जाती है| दही का सेवन लोग ज्यादा इसलिए करते हैं क्यूंकि जल्दी पच जाती है| दही के भी कई प्रकार होते हैं| जोकि इस प्रकार है मंद,अत्यम्ल,अम्ल,स्वद्वल्म,स्वादु| इसका स्वाद खट्टा और मीठा होता है| जब इसका सेवन किया जाता है तो ये शरीर को शीतलता पहुंचाती है| तो आइये जानते है इसके फायदे के बारें मैं| read more :- curd for weight loss in hindi

Mustard Oil In Hindi

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Mustard Oil In Hindi Mustard Oil - सरसों का तेल सरसों का तेल हम रोजाना अपने घरों मैं इस्तेमाल करते हैं | सरसों का तेल आयुर्वेद मैं बहुत काम आता है | सरसों का तेल शनिदेव भगवन पर भी चढ़ाया जाता है | सरसों का तेल दर्दनाशक होता है जो गठिया व कान के दर्द से राहत देता है इसलिए सरसों का तेल किसी औषघि से कम नहीं है | सरसों की फसल भारत देश मैं बहुत उगाई जाती है | सरसों तेल में कई ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो हमारी सेहत, बाल और त्वचा आदि पर जादुई असर छोड़ते हैं। इसलिए सरसों के तेल का उपयोग प्राचीन समय से ही खाने व शरीर पर लगाने में भी किया जाता है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि सरसों का तेल बहुत ही अच्छे पेनकिलर की तरह भी काम करता है। read more :- mustard oil

Neem In Hindi

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Neem In Hindi Neem - नीम नीम की जितनी भी प्रन्संसा की जाये इतनी ही कम है | क्यूंकि नीम से न जाने हमारे कितने रोग ठीक होते हैं | कुछ लोग नीम को कडवा समझ कर उसका प्रयोग नहीं करते है | जो नीम का वृक्ष है वो हमको औषधी के रूप मैं प्राप्त हुआ है | नीम से न जाने हमारी कितनी बीमारियाँ ठीक होती है | नीम से ही नहीं बल्कि नीम की दातुन से भी बहुत ही अदभुत फायदे हैं | हमारे बुजुर्ग कहते हैं की जहाँ पर भी नीम का वृक्ष वहां बीमारी कैसे आ सकती है | घर के बाहर नीम का पेड़ लगा है तो 200 तरह के वाइरस और बेक्टीरिया आपके घर मे नहीं घुसेंगे | नीम की न जाने आयुर्वेद मैं कितनी औषधियां बनायीं गयीं है | नीम का वृक्ष वातावरण को सबसे ज्यादा ऑक्सीजन प्रदान करता है | दोस्तों वही ऑक्सीजन जो अस्पतालों में मरीजों को दी जाती है | अब आप अंदाजा लगा लीजिये अस्पतालों मैं ये ऑक्सीजन न जाने कितने रुपीस से दी जाती हैं और वो ही नीम आपको फ्री मैं प्रदान करता है | तो भाइयो जानते हैं कैसे एक नीम का पेड़ 1 साल में 15 लाख रूपये की आक्सीजन देता है ! अगर आप संकल्प ले कि आप अपने हर जन्मदिन पर 1 नीम का पेड़ लगाएँगे और मान लो आ

Amla In Hindi

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Amla In Hindi Amla - आंवला आमले के न जाने आयुर्वेद आयुर्वेद मैं कितने उपचार है | आमला हमको एक औषधी के रूप मैं प्राप्त हुआ है | आमला का पेड़ भारत मैं बहुत जगह पर उलब्ध है | आमले मैं विटामिन C बहुत ही मात्रा मैं होता है | जोकि हमारे लिए बहुत ही लाभ दायक है | विटामिन C के अलवा और इसमें बहुत से विटामिन पाए जाते हैं | सबसे मुख्य इसमें एंटीऑक्सीडेंट व् प्रतिरोधक क्षमता का पाया जाना है | क्यूंकि इसने हमारे अन्दर रोगों से लड़ने की क्षमता पैदा होती है | जिससे की हम लम्बे समय तक बीमार नहीं पड़ते | इतने गुण पाए जाते हैं अमला मैं | आमला मैं न जाने कितने गुण छुपे हुए हैं | जो की हमारे शरीर के लिए लाभदायक है | जेसा कि मैंने आपको आमला के परिचय मैं बताया था की इसमें एंटीऑक्सीडेंट व् प्रतिरोधक क्षमता पायी जाती है | और आंवले में प्रोटीन्स ,विटामिन्स ‘ए’,’बी काम्प्लेक्स ,मैग्नीशियम ,विटामिन ‘सी’ ,आयरन, पोटासियम ,कार्बोहायड्रेट ,फाइबर इत्यादि | इतने विटामिन और तत्व पाए जाते हैं आमला मैं | अब आप अंदाजा लगा लीजिये की यह हमारे शरीर के लिए कितना लाभदायक है | सबसे अच्छा गुण इसका ये है की अगर हम इसका नियम

Asthma In Hindi

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Asthma In Hindi Asthma - दमा , श्वासरोग अस्थमा की बीमारी बहुत ही गंभीर है | लेकिन अगर इसका आयुर्वेदिक इलाज किया जाए तो इस अस्थमा नाम की बीमारी को खत्म किया जा सकता है | इतने गुण पाए जाते हैं आयुर्वेद मैं | अस्थमा एक फफ्दों की बीमारी है | जब किसी भी व्यक्ति को अस्थमा हो जाता है तब उसको सांस लेने मैं कठनाई होती है | हमारे शरीर के अन्दर जो स्वांस नलिकाएं होती हैं उनमें कोई भी रूकावट आने के कारण हमको सांस लेने मैं तकलीफ होती है | अस्थमा का सीधा संम्बन्ध स्वांस नालिकयों से होता है | जब भी इसमें कोई रोग उत्पन्न हो जाता है | तो व्यक्ति का सांस जल्दी फूलने लगता है | बहुत खांसी भी होती है | इसी बीमारी को अस्थमा कहते हैं | और यह बीमारी किसी को भी हो सकती है कहने का तात्पर्य यह है की ये बीमारी सिर्फ बड़ों को ही नहीं बल्कि छोटे से बच्चों को भी हो सकती है | तो आइये भाइयो जानते हैं इसके कारण, लक्षण, उपचार, बचने के उपाय :- अस्थमा दो प्रकार का होता है 1. स्पेसिफिक , 2. नॉन स्पेसिफिक स्पेसिफिक :- इसमें एलर्जी के कारन व्यक्ति की सांस फूलने लग जाती है मतलब उसको सांस लेने मैं कठनाई होती है | न

Cinnamon In Hindi

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Cinnamon In Hindi Cinnamon - दालचीनी , दारचीनी , दालचीती , सिनेमोन दालचीनी को हम एक तरीके से औषधी का भी रूप दे सकते हैं | क्यूंकि एकेली दालचीनी से न जाने हमारे कितने रोग ठीक होते हैं | दालचीनी को ज्यादातर हम अपने घरों में मसाले के रूप मैं प्रयोग करते है | दालचीनी पेड़ की छाल होती है जिसे पीसकर पाउडर बनाया जाता है |ये दालचीनी पंसारी की दुकान पर आसानी से मिल जाती है | दालचीनी ज्यादातर हमारे वायु के रोगों जेसे कब्जियत, blood pressure , कफ के रोग इत्यादि मैं बहुत काम आती है | दालचीनी कई औषधीय गुणों से भरपूर है | दालचीनी में कैल्शियम, मैगनीज और आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो हमारे शरीर में हुई इनकी कमी को पूरी करता है और शरीर को ताकत देता है इसके साथ साथ यह एंटी-ऑक्सिडेंट, पॉलीफेनोल और मैंगनीज जैसे खनिजों का भी एक अति उत्कृष्ट स्रोत है। यह सभी आवश्यक पोषक तत्व आपके शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा यह शर्करा, कार्बोहाइड्रेट, फैटी एसिड और एमिनो एसिड का एक प्राकृतिक स्रोत है। दालचीनी के मुख्य स्वास्थ्य लाभ छाल में पाए जाने वाले आवश्यक तेलों से मिलते हैं। इन तेलों

Ghee In Hindi

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Ghee In Hindi Ghee - घी , घृत हमारी देशी गौ के घी मैं इतनी ताकत है की वो हमारे न जाने कितने रोगों को ठीक करती है | पर घी होना चाहिए देशी गौ माता का | तो चलिए भाइयो जानते देशी गौ माता के घी के बारे मैं | गाय के घी में पाए जाने वाले स्वर्ण-छार में अदभुत औषधिय गुण होते हैंजो गाय के घी के अलावा अन्य किसी घी में नहीं मिलते । गाय के घी मेंवैक्सीन एसिड, ब्यूट्रिक एसिड, बीटा-कैरोटीन जैसे माइक्रोन्यूट्रींस मौजूद होते हैं जिनमें कैंसर युक्त तत्वों से लड़ने की अद्भुत क्षमता होती है। देशी गौ घी की सबसे अच्छी पहचान ये है की उसका रंग थोडा पीला होता है | read more :- ghee benefits

Low Blood Pressure In Hindi

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Low Blood Pressure In Hindi Low Blood Pressure - कम रक्त दबाव निम्न रक्तचाप को low blood pressure भी कहते हैं | इसमें होता क्या है की जो शरीर की धमनिया होती हैं उनके द्वारा रक्त रक्त संचारण की गति कम हो जाती है | मतलब शरीर की धमनियों के द्वारा रक्त की संचारण गति कम हो जाती है | जिसके कारण हमारे कुछ भागों तक रक्त नहीं पहुच पाता | जिससे की शरीर में रक्त की कमी हो जाती है | जिसके कारण ही इस रोग को low blood pressure कहा जाता है | वेसे तो सामान्य व्यक्ति का निम्न रक्त चाप 80 होता है | लेकिन ये 80 से नीचे पहुँच जाता है तो फिर व्यक्ति को निम्न रक्त चाप हो जाता है | फिर उसके शरीर में रक्त का प्रभाव धीरे-धीरे कम होने लगता है | जिससे की व्यक्ति के शरीर के कुछ अंग काम करण बंद कर देते है | और यह रोग पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों में ज्यादा होता है | raed more :- bp low treatment in hindi

Constipation In Hindi

Constipation In Hindi Constipation - कब्ज , कोष्ठबद्धता , क़ब्ज़ियत , मलावरोध कब्ज को अंग्रेजी में Constipation कहते हैं। बीमारी सीधे पाचन तंत्र से संबंध रखती है। जब भी व्यक्ति को कब्ज की बीमारी होती है तो इसका प्रभाव सीधे मल पर पड़ता है। जब भी आप मल त्याग करने के लिए जाते हो तो मल त्याग करने में कठिनाई होती है। कब्ज अमाशय की स्वाभाविक परिवर्तन की वह अवस्था है, जिसमें मल निष्कासन की मात्रा कम हो जाती है, मल कड़ा हो जाता है, उसकी आवृति घट जाती है या मल निष्कासन के समय अत्यधिक बल का प्रयोग करना पड़ता है। कब्ज होना कोई मामूली बात नहीं होती, इसलिए इसे रोग को अनदेखा नहीं करना चाहिए क्योंकि यह हमारे कई घातक बीमारियां पैदा कर सकता है। जेसे बवासीर, पित्त, इत्यादि। आयुर्वेद के अनुसार हमारे शरीर मे जितने भी रोग होते है वो त्रिदोष: वात, पित्त, कफ के बिगड़ने से होते है । read more :- constipation treatment in hindi

High Blood Pressure In Hindi

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High Blood Pressure In Hindi High Blood Pressure -उच्च रक्त चाप उच्च रक्तचाप को अंग्रेजी मैं Hypertension कहते हैं। और इसको हाई ब्लड प्रेसर भी कहा जाता है। किसी भी व्यक्ति को जीवित रहने के लिए उसके शरीर में रक्त संचारण का होना बहुत जरूरी है धमनिया शरीर में रक्त के संचारण का कार्य करती हैं। हमारा ह्रदय पम्प की तरह बंद व् खुलता है और इसके साथ ही रक्त को धमनियों व् नालिकायों में आगे बढाता है। इसी क्रिया को रक्तचाप या blood pressure कहते हैं। अगर यह क्रिया किसी भी कारण बस बंद हो जाये तो उसका हार्ट काम करना बंद कर देता है जिससे की व्यक्ति की मोत भी हो सकती है। जब व्यक्ति का रक्तचाप 140 mmhg - 90 mmhg या फिर इससे ऊपर हो जाता है तब उसे उच्च रक्तचाप कहते हैं। उच्च रक्तदाब का आयुर्वेद में बहुत अच्छा इलाज है। नार्मल ब्लड प्रेशर 120/80 से कम होता है। ज़्यादातर लोग जिन्हें डायबिटीज़ और हाई ब्लड प्रेशर है, उनका ब्लड प्रेशर 130/80 या उससे कम होना चाहिए। उच्च रक्तचाप read more :-  high blood pressure diet chart in hindi

Gas In hindi

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Gas In hindi Gas - गैस्ट्रिक समस्या , पेट की गैस जब हम भोजन करते हैं तब वह भोजन पचता है तो उसमें कई प्रकार के पाचक रस मिलते हैं जब ये आपस में सभी मिलते हैं तो एक प्रतिक्रिया होती है जिसमें पेट मैं एक वायु उत्पन्न होती है जो गैस का रूप ले लेती है ये हमेसा अपच की की वजह से ही होती है। मतलब जब हमारा भोजन नहीं पचता तब ज्यादा तर होता है। ये गैस मल के साथ बहार आती है | कभी-कभी डकार के साथ भी बहार आती है पेट गैस को अधोवायु बोलते हैं। इसे पेट में रोकने से कई बीमारियां हो सकती हैं, जैसे एसिडिटी, कब्ज, पेटदर्द, सिरदर्द, जी मिचलाना, बेचैनी आदि। लंबे समय तक अधोवायु को रोके रखने से बवासीर भी हो सकती है। आयुर्वेद कहता है कि आगे जाकर इससे नपुंसकता और महिलाओं में यौन रोग होने की भी आशंका हो सकती है। आजकल प्राय: बच्चो,युवा वर्ग एवं 60 वर्ष से अधिक के उम्र के लोगो मे पेट मे अम्ल की अधिकता के कारण गैस की समस्या देखी जा रही है। यदि पेट की भीतरी परत अम्ल बना रही हो और वो पेट की सतह को छू रही हो तो इसके द्वारा पीड़ित व्यक्ति को असहनीय दर्द एवं पीड़ा होती है। अगर गैस्ट्रिक म्यूकोसा  जो कि पेट के म

Headache In hindi

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Headache In hindi Headache - सिरदर्द , सिर की पीड़ा , शिरोवेदना सिर दर्द को अंग्रेजी में Headache भी कहते हैं। हर उम्र के लोग अकसर इसकी शिकायत करते हैं। हर किसी को कभी ना कभी सर दर्द अवश्य ही होता है। सिरदर्द- सिर, गर्दन या कभी-कभी पीठ के उपरी भाग के दर्द की अवस्था है। यह सबसे अधिक होने वाली तकलीफ है लेकिन सरदर्द के कारण अलग अलग हो सकते है। सरदर्द का मुख्य कारण सर की धमनियॉं और मांस पेशी में तनाव पैदा होना है।लेकिन कभी कभी सरदर्द मस्तिष्क की बिमारी के कारण या कभी तनाव और अन्य कारणों से भी हो सकता है। वेसे देखा जाए तो सर दर्द अपने आप में कोई रोग नहीं है। माना जाता है कि जैसे ही आप सामान्य स्थिति से एकदम तनाव भरे माहौल में पहुंचते हैं तो सबसे पहले आपका सिर दर्द बढ़ता है। सिरदर्द के प्रकार :- 1. मंद - करोटि के विवर के शोथ के कारण मंद पीड़ा होती है। 2. स्पंदी - अति रुधिरतनाव पेट की गड़बड़ी या करोटि के भीतर की धमनी के फैलाव के कारण स्पंदन पीड़ा होता है। 3. आवेगी - तंत्रिकाशूल के कारण आवेगी पीड़ा होती है। यह दर्द झटके से आता है और चला जाता है। 4. तालबद्ध - मस्तिष्क की धमनी का फैल

jaggery In Hindi

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jaggery In Hindi jaggery - गुड़ , बूरा गुड के हमारे स्वास्थ्य के प्रति बहुत लाभ है | गुड गन्ने के रस से बनाया जाता है | गन्ने के रस से तो तरह की चीज बनायीं जाती हैं | पर इन दोनों चीजो में से गुड ही हमारे लिए फायदेमंद है | जब चीनी का निर्माण किया जाता है तो उसमें आवश्यक तत्व जेसे आयरन, कैल्सियम, फास्फोरस, पौटेसियम इत्यादि तत्व नस्ट हो जाते हैं | और जब हम चीनी का सेवन करते हैं तो वो हमारे सरीर को नुक्सान पहुचाती है | जब गुड का निर्माण होता है तब एक भी तत्व नस्ट नही होता | गुड में विटामिन -A और विटामिन -B पायी जाती है | सर्दियों के दिनों में गुड खाना सेहत के लिए अच्छा होता है यह स्वाद के साथ सेहत भी अच्छी रखता है । गुड का सेवन करने से पाचन तंत्र सही रहता है । क्यूंकि गुड में फास्फोरस की मात्रा अधिक रहती है जो की सब कुछ पचा देता है | जिससे की पाचन क्रिया तेजी से काम करती है | इसके अनेकों औषधीय प्रयोग है जो कि हमारे लिए बहुत ही फायदे मंद हैं | दूध में अधिक मात्रा में विटामिन ए, विटामिन बी और डी के अलावा कैल्शियम, प्रोटीन और लैक्ट‍िक एसिड पाया जाता है। वही दूसरी ओर गुड में अधिक मात्

Malaria In Hindi

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Malaria In Hindi Malaria - मलेरिया , जूड़ी , शीतज्वर , विषमज्‍वर मलेरिया एक प्रकार का सक्रामक रोग है | यह रोज बहुत तेजी से फ़ैल रहा है | बहुत लोग इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं | यह बीमारी कई प्रकार के परजीवी के कारण होती है परजीवी भी कई प्रकार के होते हैं जो कि इस प्रकार है | 1. प्लास्मोडियम - ( plasmodium ) 2. प्लास्मोडियम ओवेल - ( plasmodium Ovale ) 3. प्लास्मोडियम फैल्सिपैरम - ( plasmodium Falciparum ) 4. प्लास्मोडियम विवैक्स - ( Plasmodium Vivax ) ये सभी परजीवी मादा एनोफलीज मच्छर में पाए जाते है | जब ये मच्छर व्यक्ति को काटता है तो जो मलेरिया के परजीवी होतें है | तो वो हमारे लाल रक्त कोसिकायों में चलें जाते हैं | जिससे की यह बीमारी उत्पन्न हो जाती है | और यह वर्षा ऋतु में अत्यधिक फेलने वाला रोग है | इसका आयुर्वेद में बहुत अच्छा इलाज है | जो की आपको नीचे बताया गया है | मलेरिया के प्रकार :-   (१) वाईवेक्स (२) फ़ेल्सीपेरम (३) मेलेरी 1. प्रतिदिन निश्चित समय पर चढने वाला ज्वर। 2. एक दिन छोडकर आने वाला ज्वर। इसे एकांतरा भी कहते हैं। 3. दो दिन विराम देकर आने वाला मलेरि

Cow Urine In Hindi

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Cow Urine In Hindi Cow Urine - गाय मूत्र गौ कई प्रकार की होती है जेसे जर्शी, दोगली, देशी | इनमें से देशी गौ का मूत्र बहुत काम आता है | हिन्दू धर्म में गौ को माता मानते है और उसकी पूजा भी करते है | इसलिए देशी गौ को गौ माता के नाम से भी जाना जाता है | भाइयो हमारे बुजुर्ग कहते है की गौ माता के मूत्र में गंगा और गोबर में लक्ष्मी का वास होता है तभी मूत्र को घर में छिड़का और गोबर से चोका लगाया जाता है | आयुर्वेद में गौ मूत्र के बहुत प्रयोग हैं |गौमूत्र का रासायनिक विश्लेषण करने पर वैज्ञानिकों ने पाया, कि इसमें 24 ऐसे तत्व हैं जो शरीर के विभिन्न रोगों को ठीक करने की क्षमता रखते हैं। इसके साथ साथ गोमूत्र में ताम्र, फास्फेट, यूरिया, पौटेसियम सल्फेट, क्लोराईड, सोडियम, नाईट्रोजन आदि तत्व पायें जाते हैं |आयुर्वेद के अनुसार गौमूत्र का नियमित सेवन करने से कई बीमारियों को खत्म किया जा सकता है। जो लोग नियमित रूप से थोड़े से गौमूत्र का भी सेवन करते हैं, उनकी रोगप्रतिरोधी क्षमता बढ़ जाती है। मौसम परिवर्तन के समय होने वाली कई बीमारियां दूर ही रहती हैं। शरीर स्वस्थ और ऊर्जावान बना रहता है। read

Basil In Hindi

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Basil In Hindi Basil - तुलसी   तुलसी दो प्रकार की होती है श्यामा तुलसी और रामा तुलसी पर इन दोनों में से श्यामा तुलसी बहुत काम आती है | हिन्दू धर्म में लोग इसकी पूजा करते है लेकिन इसका प्रयोग करके हम अपनी बहुत सी बिमारियों से मुक्ति पा सकते है | आयुर्वेद में तुलसी से बनी हुई बहुत दवाइयां है | इसका प्रयोग करके हम बड़ी से बड़ी बीमारी को अपने शरीर से निकाल सकते है | इसलिए इसकी पूजा की जाती है | इसको संजीवनी बूटी भी कहा जाता है इस के उपचार इस प्रकार है | तुलसी के प्रकार :- तुलसी मुख्यत: दो प्रकार की  पायी जाती है जोकि घरों में लगाई जाती हैं। इन्हें रामा और श्यामा कहा जाता है। रामा तुलसी :-  रामा के पत्तों का रंग हल्का होता है। इसलिए इसे गौरी कहा जाता है। श्यामा तुलसी :-  श्यामा तुलसी के पत्तों का रंग काला होता है। इसमें कफनाशक गुण होते हैं। यही कारण है कि इसे दवा के रूप में अधिक उपयोग में लाया जाता है। read more :- tulsi in hindi

Triphala Churna In Hindi

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Triphala Churna In Hindi Triphala Churna - त्रिफला चूर्ण हरद, आमला, बहेड़ा, इन तीनो को मिलाकर जो पाउडर तेयार होता है उसे त्रिफला चूर्ण कहते है | ये आज कल मेड़ीकलों पर भी उपलब्ध है | इससे क्या फायदे है ये बनाया कैसे जाता है ये सब आपको नीचे बताया गया है |एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक रासायनिक फ़ार्मुला है जिसमें अमलकी (आंवला (Emblica officinalis)), बिभीतक (बहेडा) (Terminalia bellirica) और हरितकी (हरड़ Terminalia chebula) को बीज निकाल कर समान मात्रा में लिया जाता है। त्रिफला शब्द का शाब्दिक अर्थ है "तीन फल"। इसका नियमित सेवन शरीर को निरामय, सक्षम व फुर्तीला बनाता है। त्रि‍फला सिर्फ कब्ज दूर करने ही नहीं बल्कि कमजोर शरीर को एनर्जी देने में भी प्रयोग हो सकता है। बस जरुरत है तो इसके नियमित और नियमानुसार सेवन करने की। read more :- triphala benefits in hindi

Chikungunya In Hindi

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Chikungunya In Hindi Chikungunya - चिकनगुनिया चिकनगुनिया एक वायरल बीमारी है | यह रोग संक्रमित मादा एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। डब्ल्यूएचओ और सेंटर फॉर डिज़िज़ कंट्रोल एंड प्रीवेंशन, यूएसए के अनुसार “व्यक्ति के अंदर, मच्छर के काटने के करीब तीन से सात दिन बाद इसके लक्षण दिखाई देते हैं। चिकनगुनिया में अचानक से आ जाने वाले बुखार के साथ जोड़ों में दर्द महसूस होता है”। इसके अलावा उसे सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सूखी उबकाई आना, थकान महसूस करना, त्वचा पर लाल रैशिज़ पड़ना जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इस बीमारी से लाखों लोग प्रभावित है |चिकनगुनिया विषाणु एक अर्बोविषाणु है जिसे अल्फाविषाणु परिवार का माना जाता है। यह मानव में एडिस मच्छर के काटने से प्रवेश करता है। यह विषाणु ठीक उसी लक्षण वाली बीमारी पैदा करता है जिस प्रकार की स्थिति डेंगू रोग मे होती है। read more :- chikungunya symptoms in hindi

Anemia In Hindi

Anemia In Hindi Anemia - रक्ताल्पता , रक्तहीनता , रक्तक्षीणता , पांडुरता , खून की कमी नीमिया का दूसरा नाम है रक्ताल्पतारक्त है। ये रोग शरीर में रक्त की कमी के कारण होता है। जब शरीर में रक्त की कमी हो जाती है तब ये रोग जन्म ले लेता है। ये रोग मुखयतः महिलयों में ज्यादा होता है। प्रेग्नेंट स्थिति में ज्यादा होता है। जब रक्त में लाल रक्त कोशिकायों की कमी हो जाती है तो इसके साथ साथ हिमोग्लोबिन की भी कमी हो जाती है। हिमोग्लोबिन शरीर में आक्सीजन पहुंचाता है। इसकी संख्या मे कमी आने से शरीर मे ऑक्सीजन की आपूर्ति मे भी कमी आती है जिसके कारण व्यक्ति थकान और कमजोरी महसूस कर सकता है। शरीर में रक्त की कमी का सबसे मुख्य कारण आयरन है। ये वास्तम में कोई बीमारी नहीं है पर जब व्यक्ति में रक्त की कमी हो जाती है तब कहते है की इसको एनीमिया है। एनीमिया मुख्य रूप से तीन तरह का होता है। 1. खून की कमी से होने वाला एनीमिया। 2. हेमोलाइसिस एनीमिया। 3. लाल रक्त कणिकाओं के निर्माण में कमी के कारण होने वाला एनीमिया। read more :- anemia treatment in hindi

Piles In Hindi

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Piles In Hindi Piles - बवासीर , अर्श इस रोग का प्रमुख कारण है कब्ज है जब व्यक्ति को कब्ज हो जाती है तब बवासीर नाम की बीमारी जन्म ले लेती है। बवासीर का दूसरा नाम अर्श है और भी इसके नाम है जेसे अंग्रेजी में (Piles, Haemerrhids). इस रोग में ये होता है की गुदाद्वार पर एक प्रकार के मस्से से फूल जाते है। इसमें मलद्वार की नसें भी फूल जाती है जिससे की वहां का हिस्सा सख्त हो जाता है। इससे रोगी को बहुत ही परेशानियों का सामना करना पड़ता है | इससे रोगी पर अच्छे से टोएलेट भी नहीं किया जाता और साथ में खून भी बहने लगता है जिसके कारण बहुत ही दर्द होता है। इसका आयुर्वेद में बहुत अच्छा इलाज है जिससे आप अपनी बवासीर से छुटकारा पा सकते हैं। बवासीर भी दो प्रकार की होती है जो की इस प्रकार है (1) बादी बवासीर (२) खूनी बवासीर। बादी बवासीर :- बादी बवासीर रहने पर पेट खराब रहता है। कब्ज बना रहता है। गैस बनती है। बवासीर की वजह से पेट बराबर खराब रहता है। न कि पेट गड़बड़ की वजह से बवासीर होती है। इसमें जलन, दर्द, खुजली, शरीर मै बेचैनी, काम में मन न लगना इत्यादि। टट्टी कड़ी होने पर इसमें खून भी आ सकता है। इसमे

Loose Motion In Hindi

Loose Motion In Hindi Loose Motion - दस्त Diarrhoea - दस्त दस्त जिसको हम इंग्लिश में (losse motion) भी कहते है। ये पेट की बीमारी से उत्पन्न होते है। क्युकी जितनी भी बीमारी होती है वो सभी पेट से ही होती है अगर हमरा पेट सही है तो हमें कोई भी बीमारी छू नहीं सकती। जब व्यक्ति के दस्त लगते है तो उसको कई परेसनियो का समाना करना पड़ता है | बार बार उसे टॉयलेट जाना पड़ता है | इसका दूसरा नाम (Diarrhoea) भी है | डायरिया की दो स्थितियां होती हैं- एक, जिसमें दिन में पांच बार से अधिक मल त्याग करना पड़ता है या पतला मल आता है। इसे डायरिया की गंभीर स्थिति कहा जा सकता है। आनुपातिक डायरिया में व्यक्ति सामान्यतः जितनी बार मल त्यागता है उससे कुछ ज्यादा बार और कुछ पतला मल त्यागता है। उग्र अतिसार - उग्र अतिसार का कारण प्रायः आहारजन्य विष, खाद्य विशेष के प्रति असहिष्णुता या संक्रमण होता है। कुछ विषों से भी, जैसे संखिया या पारद के लवण से, दस्त होने लगते हैं। जीर्ण दस्त  - जीर्ण दस्त  बहुत कारणों से हो सकते  है। आमाशय अथवा अग्न्याशय ग्रंथि के विकास से पाचन विकृत होकर अतिसार उत्पन्न कर सकता है। आंत्र के

Fever In Hindi

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Fever In Hindi Fever - ज्वर या बुखार खार आज कल आम तोर पर हर व्यक्ति को हो जाता है। बुखार भी कई तरीके का होता है जेसे वायरल फीवर, मलेरिया, मोतीजीरा, लंगड़ा बुखार इत्यादि जो भी व्यक्ति इनकी चपेट में आ जाता है। तो उसको कई परेसानियो का सामना करना पड़ता है कुछ बुखार इसे भी है जो बहुत दिनों तक जाते नहीं है। जिनसे व्यक्ति बहुत ही कमजोर हो जाता है तथा उसकी प्लेट बी डाउन हो जाती है। जिससे व्यक्ति को जान का खतरा हो जाता है कुछ लोग इतने लापरवाह होते है जो इसकी तरफ ध्यान नहीं देते और उनको बाद में इस समस्या का सामना करना पड़ता है। बुखार को कैसे नापते है :- जब व्यक्ति के शरीर का ताप सामान्य से अधिक हो जाये तो उस दशा को ज्वर या बुख़ार (अंग्रेजी मैं  फीवर) कहते है। कुछ लोग समझते हैं की बुखार एक रोग है भाइयो यह रोग नहीं है  बल्कि एक लक्षण (सिम्टम्) है जो बताता है कि शरीर का ताप नियंत्रित करने वाली प्रणाली ने शरीर का वांछित ताप (सेट-प्वाइंट) १-२ डिग्री सल्सियस बढा दिया है। मनुष्य के शरीर का सामान्‍य तापमान ३७°सेल्सियस या ९८.६° फैरेनहाइट होता है। जब शरीर का तापमान इस सामान्‍य स्‍तर से ऊपर हो जाता

Cancer In Hindi

Cancer - कैंसर Cancer In Hindi कैंसर एक बहुत ही बुरी बीमारी है। भारत देश में ये बीमारी बहुत तेजी से फ़ैल रही है। दिन प्रतिदिन बहुत लोग इस बीमारी का शिकार हो रहे है। लेकिन याद रखना जो मरीज होता है वो कैंसर से नहीं मरता बल्कि उसके एलोपेथी ट्रीटमेंट से मरता है। डॉ. कैंसर मरीज को वो केमोथेरेपी देते है कीमोथेरेपी कैंसर के सेल को मारती है तो अब आप सोच रहे होंगे तो फिर इससे नुक्सान क्या है तो हमारे शरीर में कुछ ऐसे सेल भी होते है। जो हमारे शरीर को बीमार होने से बचाते है जिसका नाम है प्रतिरक्षक शक्ति। जब कीमोथेरेपी रोगी को दी जाती है तब ये शक्ति भी मर जाती है फिर रोगी में बीमारी से लड़ने की क्षमता नहीं रहती इसलिए रोगी मर जाता है तो डॉ. रुपया भी ले लेता है हमारे हाथ से मरीज भी निकल जाता है| कैंसर से व्यक्ति की म्रत्यु क्यों होती है :-  कैंसर रोगी दो कारणों से मरता है वो दो कारण इस प्रकार है पहला कारण:- हमारे शरीर में एक शक्ति पायी जाती है जो लगने वाले रोगों से लड़ने में साहयता करती है उसका नाम है Resistance power इसको प्रतिरक्षक शक्ति के नाम से भी जाना जाता है। जब व्यक्ति को कैंसर होता है तब

Cough In Hindi

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Cough - खाँसी Cough In Hindi   जब किसी व्यक्ति के गले , फेफड़े आदि में कफ जैसे दूसित पदार्थ इकठ्ठे हो जाते हे तो वो पदार्थ खांसी के द्वारा बाहर निकाले जाते है इसी परिक्रिया को खांसी कहते है। या फिर आयुर्वेद के अनुसार, जब कफ सूखकर फेफड़ों और श्वसन अंगों पर जम जाता है तो खांसी होती है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति सांस लेते समय भौंकने जैसी आवाज करता है। यह बोर्डेटेल्ला परट्यूसिया कहलाने वाले जीवाणु के कारण होता है। यह जीवाणु व्यक्तियों के बीच श्वसन क्रिया से निष्कासित जीवाणु से फैलती है। यह तब होता है जब संक्रमण युक्त व्यक्ति खांसते या छींकते हैं। यह संक्रमण युक्त व्यक्तियों के शारीरिक द्रवों से संपर्क होने से भी फैलता है जैसे नाक का पानी गिरना। जब ये खांसी होती है तो व्यक्ति को बहुत सी चीजो का सामना करना पड़ता है अच्छी तरह से रोगी पर भोजन का सेवन भी नि किया जाता पानी पीने में भी उसको कठनाई होती है। read more :-  cough treatment in hindi

Diabetes In Hindi

Diabetes - मधुमेह , शुगर Diabetes In Hindi यह बिमारी हमारे शरीर में अग्नाशय द्वारा इंसुलिन का स्त्राव कम हो जाने के कारण होती है। रक्त ग्लूकोज स्तर बढ़ जाता है, साथ ही इन मरीजों में रक्त कोलेस्ट्रॉल, वसा के अवयव भी असामान्य हो जाते हैं। सुगर को कई नाम से जाना जाता है जेसे मधुमेह, डायबिटीज, सुगर, चीनी रोग इत्यादि। ये बीमारी व्यक्ति को कमजोर बनाती है। जिससे व्यक्ति को बहुत सारी परेशानियों का समाना करना पड़ता है। जब व्यक्ति को सुगर होता है तब शरीर को भोजन से उर्जा प्राप्त करने मैं कठनाई होती है पेट फिर भी भोजन को ग्लूकोज में बदलता रहता है। ग्लूकोज रक्त धारा में जाता है। किन्तु अधिकांश ग्लूकोज कोशिकाओं में नही जा पाते। जिनके कारण हैं :- इन्सुलिन की मात्रा कम होने के कारण, पूरे ग्लूकोज को ग्रहण कर सकने के लिए रिसेप्टरों की संख्या कम हो सकती है। समय समय पर डॉ. पर जाच करवानी चाहिए। जिससे इससे सावधान रहा जा सके टाइप-1 मधुमेह :-  यह मुख्य रूप से बचपन से युवावस्था (14 -25 उम्र) में होती है! यह मुख्य रूप से पैनक्रियास के बीटा में इन्फेक्शन के कारण होती है जिससे इन्सुलिन को उत्पन नहीं किया

Cold In Hindi

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Cold - सर्दी ,  common cold - जुकाम Cold In Hindi :  जुकाम को नैसोफेरिंजाइटिस, राइनोफेरिंजाइटिस के नाम से भी जाना जाता है | यह ऊपरी श्वसन तंत्र का आसानी से फैलने वाला संक्रामक रोग है जो अधिकांशतः नासिका को प्रभावित करता है।  नाक, साइनस, गले या कंठनली (ऊपरी श्वसन तंत्र का संक्रमण (URI या URTI) का तीव्र संक्रमण शरीर के उन अंगों द्वारा वर्गीकृत किया जाता है जो इससे सर्वाधिक प्रभावित होते हैं। सामान्य ज़ुकाम मुख्य रूप से नासिका, फेरिंजाइटिस, श्वासनलिका को और साइनोसाइटिस, साइनस को प्रभावित करता है। यह लक्षण स्वयं वायरस द्वारा ऊतकों को नष्ट किए जाने से नहीं अपितु संक्रमण के प्रति हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया के कारण उत्पन्न होते हैं। संक्रमण को रोकने के लिए हाथ धोना मुख्य तरीका है। कुछ प्रमाण चेहरे पर मास्क पहनने की प्रभावकारिता का भी समर्थन करते हैं। जुकाम एक बुरी बीमारी है ये ज्यादा तर नाक में धूल मट्टी के जाने के कारण होती है या फिर पसीने आने पर ठंडा पानी पिने से भी जुकाम हो जाता है। पसीने आने पर स्नान करने से भी जुकाम हो जाता है। यह रोग जब किसी व्यक्ति को लग जाता है